One of the most heart touching broken heart poem which will make you cry. A must read poem. It shows the power of unrequited love and one sided love.
Khair jaane de, ab fark nahi padta. Read the long distance relationship breakup's "Khair jaane de, ab fark nahi padta" in Hindi. Written pain with pen.
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English version of Khair jaane de, ab fark padta
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This is the poem which you can quotes about "ab fark nahi padta quotes"
This is the most relatable poem if you had breakup and in process of move on then this poem "Ab fark nahi padta" will relate you and it will take you the journey.
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तेरे "गुड मॉर्निंग" मैसेज से दिन की शुरुआत होती थी,तेरे "गुड नाईट" मैसेज से दिन का अंत होता था,अब सपनों से शुरुआत होती है ,सपने कैसे सच करने है उससे अंत होता है ।अब तेरा मैसेज आए ना आए दिन शुरू होता है और बीतता भी है ,पहले तेरे मेसेज का इंतजार रहता था अब अपने सपने सच होने का इंतजार है ,खैर जाने दे, अब फर्क नहीं पड़ता ।
तेरे चेहरे पर एक स्माइल
के लिए रोज नए तरीके सोचा करते थे ,
याद है तुझे , तेरे गुस्से में भी तुझे स्माइल के लिए मजबूर करते थे ,
स्माइल तू करती थी , और खुशी यहां दिल को मिलती थी ।
आशा है तू खुश रहे हमेशा , तेरी खुशी , तेरा गम का बहुत ज्यादा फर्क पड़ता था
लेकिन खैर जाने दे, अब फर्क नहीं पड़ता फर्क नहीं पड़ता।
मेरी टूटी-फूटी इंग्लिश से भी हर बात समझा किया करते थे ,
वक़्त नहीं होता था फिर भी निकाला करते थे ,
तुझे स्माइल कराने चक्कर में अपना कीमती वक़्त जाया किया करते थे ,
उम्मीद है तू अभी भी वैसे ही स्माइल करती होती होगी ,
तेरे स्माइल करने या ना करने का बहुत फर्क पड़ता था ,
खैर जाने दे, अब फर्क नहीं पड़ता , अब फर्क नहीं पड़ता
सात समुंदर पार थी तू
तो भी तुझे 0 किलोमीटर जैसा महसूस कराया करता था ,
है सुख दुख में तेरा साथ निभाया करता था ,
खैर जाने दे अब फर्क नहीं पड़ता।
मानता हूं , असलियत में तुझसे मिल नहीं पाया,
गले से तुझे लगा ना पाया,
सामने तेरे प्यार जता नहीं पाया,
तू ही तो बोलती थी ना दूरियां बस एक नंबर है,
थोड़ा इतज़ार तू कर नहीं पाई ,
मेरे हालात तू समझ नहीं ,
खैर जाने दे, अब फर्क नहीं पड़ता ।
याद है तुझे , तेरी आवाज़ से तेरे गम पढ़ लिया करता था ,
तेरे हालात समझ लिया करता था ,
भरोसा था तुझ पर खुद से ज्यादा ,
अभी भी याद है तेरा ज़िन्दगी भर साथ निभाने का वादा,
खैर जाने दे, अब फर्क नहीं पड़ता।
आज भी याद है वो तेरी डायरी जिसमें तू मेरी लैंग्वेज के अल्फ़ाज़ लिखा करती थी ,
वो हमारी पहली मुलाकात के लिए डॉलर्स सेव किया करती थी,
वो कागज़ के पनों में प्यार का इज़हार किया करती थी ,
हर वो गाने जो मेरे लिए गा कर भेजा करती थी ,
आज बहुत याद आती है तेरी ,
खैर जाने दे, अब फर्क नहीं पड़ता।
घंटो हमारी कभी खत्म नहीं होने वाली बातें होती थी ,
वो शादी की प्लानिंग ,
बच्चो के नाम, वो सपने जो हमने देखे थे ,
याद बहुत आते है
खैर जाने दे अब फर्क नहीं पड़ता।
जहां कहां भी होती थी तू,
मुझसे बात करने का जुगाड करती थी ,
हर दिन बिना बात किए नहीं रहती थी ,
याद बहुत आती है तेरी ,
खैर जाने दे अब फर्क नहीं पड़ता
उम्मीद तेरे से आज भी लगाए बैठे है
आज भी तेरा इंतजार है
हो सके याद कर लेना ,
लौट आना ,
खैर जाने दे, फर्क नहीं पड़ता ।
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