सवेरा जब भी हो




कंधे पे तेरे,
सर मेरा हो.
ख्वाबों में मेरे,
बसेरा तेरा हो.
बस तू दिख जा,
सवेरा जब भी हो।

सीने में मेरे,
दिल तेरा हो,
नाम में मेरे,
नाम तेरा हो
बस तू दिख जा,
सवेरा जब भी हो।

बाहों में मेरी,
बाहें तेरी हो,
कहानी में मेरी,
ज़िक्र तेरा हो
बस तू दिख जा
सवेरा जब भी हो।

चाहत तेरी मेरी
बहोत है यह गहरी,
बस तू आजा,
क्यों यह देरी हो।

बस तू दिख जा,
सवेरा जब भी हो।

मैं मुसाफिर तो मंजिल तुझे बना लू,
मै शायर तो ग़ज़ल तुझे बना लू,
भर दू मांग तेरी सिंदूर से
और हमेशा के लिए तुझे अपना बना लू।

मैं दरिया तो
तू मेरा किनारा हो
बस तू आजा,
सवेरा जब भी हो।

बस तू दिख जा,
सवेरा जब भी हो।


©Mukeshyasdiary
All rights reserved.
Not to re-use in any form without author's permission.

Post a Comment

0 Comments