मुझे कहां पता था
मुझे कहां पता था मै रोता भी हूं,
इतने अश्क है मेरे आंखों में ,
मुझे कहां पता था मै इतना भावुक भी हू,
इतने जज़्बात है मेरे दिल में ,
मुझे कहां पता था मै इतना कमज़ोर भी हू,
ऐसे बिखर जाऊंगा
मुझे कहां पता था यह प्यार नहीं , एक चिंगारी है,
इसमें युहू सुलग जाऊंगा।
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खैर जाने दे, अब फर्क नहीं पड़ता
© Mukeshyasdiary
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