हजारों मील



तेरी यादों की किश्ती लेके,
तेरे नए शहर की तलाश में,
शाम को सूरज सा ढल गया हूं,
तेरी एक झलक की आस में,
मै हजारों मील चल गया हूं।

तेरे पुराने खतो की संदूक लेके,
तेरा नया पता पूछते पूछते,
भटका मुसाफिर सा भटक गया हूं,
तेरी एक झलक की आस में,
मै हजारों मील चल गया हूं।

दिल में गमों की किताब लेके,
तुझे ढूंढ़ते ढूंढते,
एक मजदूर सा थक गया हूं,
तेरी एक झलक की आस में,
मै हजारों मील चल गया हूं।

बगल में खाली जोली लेके,
तेरी राह तकते तकते,
टूटे ख्वाब सा बिखर गया हूं,
तेरी एक झलक की आस मे,
मै हजारों मील चल गया हूं।


 © Mukeshyasdiary
All right reserved.
Not to re-use in any form without author's permission.
Visit contact author for permission.
Visit contact page for more information.

Post a Comment

0 Comments