दिल दी गलियां तंग सी,ज़िन्दगी साडी बेरंग सी,जदो तू ना संग सी।
रूठा साडा रब सी,खफा साडा दिल सी,जदो तू ना संग सी।
ना सानू चैन सी,भीगे साडे नैन सी,जदो तू ना संग सी।
जदो तू मेनू लबिया,तूने ज मेरा हथ फड़िया,बन गई वे गला दिल दी।
ज़िन्दगी विच चांदन होया,सारा जहां रोशन होयाबह गई वे नदिया इश्क़ दी।
सारी जिंदगी तेरे नाल रहना वे,तेनु छड़के किसी होर दा ना होना वे,हो गई वे मेहरा रब दी।
© Mukeshyasdiary
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1 Comments
nice poem bro
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