बेहाल


दूर मुझसे जो तू हो गई है,
लगता है अब तो,
कायनात भी मुझसे रूस गई है।

क्यों पूछते है जमाने वाले,
तेरे जाने से,
कैसा मेरा हाल है,
कैसे कहूं मै,
इस झूठी हंसी में दफन कई राज है।

कैसे कहूं मै,
तेरे जाने से, 
कैसा मेरा हाल है,
हाल हुआ बेहाल है।

कैसे कहूं मै,
तेरे जाने से,
कैसा मेरा ख्याल है,
ख्याल हुआ बेख्याल है।

कैसे कहूं मै,
तेरे जाने से,
कैसा मेरा ख्वाब है,
टूट गया ख्वाब है।

अनसुने से मेरे सवाल है,
आंखो में अश्कों की धार है,
दिल के टुकड़े हुवे हजार है।

©Mukeshyasdiary 
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