दर्द ए दिल शायरी संग्रह

ना वफा ढूंढता हूं,
ना बेवफा ढूंढता हूं,
खोया हूं कहीं, इस कदर मै,
लोगो से अपना ही पता पूछता हूं।


मै क्यों खोजता रहता हूं,
तुझे या कोई तुझ जैसा,
जब पता है मुझे,
अंजाम तो बर्बादी ही है।


एक बार फिर तेरा होना चाहता हूं,
एक बार फिर तेरे प्यार में, खोना चाहता हूं,
क्योंकि मै एक बार फिर बर्बाद होना चाहता हूं।


सफर में कोई राहगीर मिल गया
"कौन हो तुम" यह सवाल कर गया,
अरसे से मै भी तलाश रहा इसका जवाब,
जवाब लफ्जो में देना था, मैं अश्कों से दे आया।


यह अनजान गालियां, अपनी सी लगने लगी है,
इस अंधेरे में प्रकाश की किरणे दिखने लगी है,
यह खामोशियां बहुत कुछ कहने लगी है,
मेरे आशियाने में कुछ इस कदर आग लगी है।


प्यार होना, एक गैर तैराक को सागर में कूदने जैसा है,
अब हमसफ़र का हाथ पकड़ के जितना गहराई में जाओगे, 
उतना ही अपने आप को जोखिम में पाओगे,
जब छोड़ देंगे वो हाथ तो 
जनाब किनारे पर कैसे आओगे?

©Mukeshyasdiary 
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