मेरा यार फिर लौट आया है



जो ज़िन्दगी के दाव पेच से टूट गया था,
अपनी मंज़िल के रास्ते भूल गया था,
जिसको सब कोयला समझने लगे थे,
जुड़ के वो वापस हीरा बनके आया है,
मेरा यार फिर लौट आया है।

जिसके चारों ओर गमों का साया था,
अंधेरे ने उसको हर रात रुलाया था,
वो चांद बनके फिर आया है,
मेरा यार फिर लौट आया है

दिल जिसका टूट गया था,
रब जिसका रूठ गया था,
वो खुद खुदा को अपना यार बनाके आया है,
मेरा यार फिर लौट आया है।

इश्क़ में जो लुट गया था,
औरो के लिए जो बदल गया था,
वो खुद अब खुद बनके आया है,
मेरा यार फिर लौट आया है।


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