मुसाफिर है वो
इस कदर
कमर कस ले
ऐसे कैसे (Judai ke dard ki Kavita)
पास होके भी
क्यों तू?
खुद को पहचान ले तू
बेहाल
नारी
मेरा यार फिर लौट आया है