जिसके आने की वो राहें तकती है, तिरछी निगाहों से जिसे वो देखती है, जिससे बात करने के बहाने वो बुनती है, बेखबर है वो, एक मुसाफिर है, जिसमे वो अपना ठिकना ढूंढ़ती है। बेखबर…
Continue reading »जिस दिन से तेरा साथ छूटा है, मेरा मन मुझसे ही रूठा है, आंखो ने कर ली दोस्ती अश्कों से, कुछ इस कदर मेरा दिल टूटा है। जग लग रहा अब झूठा है, दर्दो का रुख मेरी ओर जुका है, द…
Continue reading »कभी उतार तो, कभी चढ़ाव, कभी धूप तो, कभी छांव, कभी सूखा तो, कभी बरसात। इन्हीं विपरीत दिशाओं के बीच ही तो बसती है अपनी ज़िन्दगी। आप कैसे इन उतारो और चढ़ावो को…
Continue reading »Yeh Kavita Judai se huve dard ko baiya karti hai. Is kavita me judai ke upar kuch "Judai shayari" hai. Judai se huve dard ko yeh judai ki kavita aapko rubru ka…
Continue reading »कभी कभी क्या होता है ना, कुछ लोग महज़ दिखावे में आ जाते है और वो रंग रूप को देख कर आकर्षित हो जाते है। लिहाजा वो नए रिश्ते बना लेते है। वो इस आकर्षण को प्यार…
Continue reading »वक़्त का पहिया चलता है, कभी किसी को ख़ुशी तो, कभी किसी को गम मिलता है, अभी तुझे गम मिला है, खुशियां भी तुझे मिलेगी, इस बंजर जमीन पर भी कली खिलेगी, क्यों अपन…
Continue reading »Click here for Video Version क्यों तू झूठे दिखावे में आ रहा है क्यों तू जमाने वाली राहों पर जा रहा है, क्यों तू खुद का वजूद भुला रहा है, अभी भी वक़्त है, खुद को थाम ले त…
Continue reading »दूर मुझसे जो तू हो गई है, लगता है अब तो, कायनात भी मुझसे रूस गई है। क्यों पूछते है जमाने वाले, तेरे जाने से, कैसा मेरा हाल है, कैसे कहूं मै, इस झूठी हंसी में दफन कई राज …
Continue reading »Click Here For Video Version टूट के भी, ना जाने कैसे यह जुड़ी सी रहती है, चाहे कैसी भी हो, ठीक हूं यह कहती है, ना जाने कितने ही गम अपने अंदर यह सहती है, कोने में अकेले…
Continue reading »Click here for Video Version जो ज़िन्दगी के दाव पेच से टूट गया था, अपनी मंज़िल के रास्ते भूल गया था, जिसको सब कोयला समझने लगे थे, जुड़ के वो वापस हीरा बनके आया है, मेरा …
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